हर किसी के लिए ज़रूरी है कि वो अपनी ज़िंदगी के आखिरी हिस्से के लिए भी पैसे बचाकर रखे, खासकर भारत में जहां बुढ़ापे के लिए सरकारी मदद ज़्यादा नहीं होती. बढ़ती महंगाई और ज़्यादा उम्र तक जीने की वजह से ज़रूरी है कि हम जल्दी से पैसा जमा करना शुरू करें ताकि बुढ़ापे में आराम से रह सकें.
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Rеtirеmеnt Planning करते समय सबसे ज़रूरी है कि आप ऐसे तरीके चुनें जिनमें टैक्स भी कम लगे. आप अलग-अलग स्कीमों में निवेश करके इस तरह बचा सकते हैं:
- कर्मचारी भविष्य निधि (EPF): ये सरकारी स्कीम है जहां हर कंपनी के कर्मचारी अपनी सैलरी का एक हिस्सा जमा करते हैं. इस स्कीम में 12% सैलरी तक के निवेश पर टैक्स नहीं लगता और मेच्योरिटी पर पूरी रकम मिलती है.
- स्वैच्छिक भविष्य निधि (VPF): अगर आप EPF से ज़्यादा बचाना चाहते हैं तो आप VPF में पैसे डाल सकते हैं. इस स्कीम में भी निवेश टैक्स फ्री है और मेच्योरिटी पर ब्याज समेत पूरी रकम मिलती है.
- जन भविष्य निधि (PPF): 15 साल की लम्बी स्कीम है जिसमें हर साल 1. 5 लाख तक का निवेश टैक्स फ्री होता है. मेच्योरिटी पर रकम और ब्याज दोनों पर टैक्स नहीं लगता.
- राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS): इस स्कीम में आप शेयर, बांड और सरकारी ज़मानत वाले ज़रख़रीधन में निवेश कर सकते हैं. 1. 5 लाख तक के निवेश पर टैक्स नहीं लगता.
- सुकांन्या समृद्धि योजना: ये स्कीम लड़कियों की पढ़ाई और शादी के लिए है. इसमें साल में 1. 5 लाख तक जमा करने पर टैक्स का फायदा मिलता है.
- इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम्स (ELSS): 1. 5 लाख तक के निवेश पर टैक्स नहीं लगता. एक लाख से ज़्यादा मुनाफे पर 10% टैक्स लगता है.
- वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS): 60 साल से ज़्यादा उम्र के लोगों के लिए ये स्कीम है. 1. 5 लाख तक के निवेश पर टैक्स नहीं लगता. ब्याज पर भी टैक्स नहीं लगता.
ये कुछ ज़रूरी स्कीम्स हैं जो रिटायरमेंट प्लानिंग में फायदेमंद हैं. आप अपने टैक्स-बचाने वाले निवेश में इन स्कीम्स को भी शामिल कर सकते हैं. ध्यान रहे कि हर स्कीम के नियम अलग-अलग होते हैं, इसलिए निवेश करने से पहले ज़रूर जांच लें.
- बीमा पॉलिसी: हर साल 1. 5 लाख तक के बीमा प्रीमियम पर टैक्स नहीं लगता. मेच्योरिटी पर मिलने वाली रकम और मृत्यु लाभ पर भी टैक्स नहीं लगता, लेकिन कुछ शर्तें हो सकती हैं.
- प्रधानमंत्री वय वंदना योजना: 60 साल से ऊपर के लोग इस योजना में पैसा लगाकर 10 साल तक पेंशन पा सकते हैं. 15 लाख तक के निवेश पर टैक्स नहीं लगता, लेकिन पेंशन पर टैक्स लगेगा.
- Health Insurance: अपने, पति/पत्नी और बच्चों के हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स छूट मिलती है. 60 साल से ऊपर के लोगों के लिए 25, 000 तक और 80 साल से ऊपर के लोगों के लिए 50, 000 तक का प्रीमियम टैक्स फ्री होता है.
- ब्याज कमाई: बैंक और डाकघरों में जमा रकम पर मिलने वाले ब्याज में से 50, 000 तक को टैक्स फ्री करवाया जा सकता है.
रिटायरमेंट के बाद मिलने वाला पैसा:
- EPF, NPS और मान्यता प्राप्त भविष्य निधियों से निकाले गए रिटायरमेंट कॉर्पस का 60% तक टैक्स फ्री होता है.
- बचा हुआ 40% उस साल आय में जोड़ा जाएगा और उस पर टैक्स लगेगा.
- NPS कॉर्पस से एन्युटी खरीदने पर टैक्स नहीं लगता.
- NPS और एन्युटी प्रोडक्ट्स से मिलने वाली एन्युटी आय पूरी तरह से टैक्स योग्य है.
- EPS से मिलने वाली पेंशन में से 50, 000 तक टैक्स फ्री है, उसके ऊपर टैक्स लगेगा.
- PPF, SCSS, बीमा आदि से निकाली गई रकम पर टैक्स नहीं लगता.
टैक्स बचाने के लिए क्या करें:
- रिटायरमेंट के लिए ऐसे ज़रिए चुनें जिनमें पैसा बढ़ने पर टैक्स न लगे और टैक्स छूट भी मिले.
- रिटायरमेंट के बाद खर्च के लिए टैक्स फ्री रकम और रेगुलर पेंशन का कॉम्बो प्लान बनाएं.
- ज़रिए चुनते समय ध्यान दें कि कैपिटल गेन्स टैक्स कम करने के लिए इंडेक्सेशन का फायदा मिले या नहीं.
- रिटायर होने के बाद कितना टैक्स देना होगा, ये समझने के लिए टैक्स स्लैब्स जानें.
- हर ज़रिए पर लगने वाले टैक्स और निकालने के नियमों को समझें.
- टैक्स का बोझ कम करने के लिए रकम को थोड़ा-थोड़ा निकालने की प्लानिंग करें.
- SCSS जैसे ज़रिए चुनें जहां से थोड़ा-थोड़ा पैसा निकाला जा सके और टैक्स बाद में लगे.
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सबसे ज़रूरी: रिटायरमेंट के बाद ऐसी स्कीमों में पैसा लगाएं जिनसे टैक्स कम लगे और पैसा ज़्यादा समय तक चले. समझदारी से प्लानिंग करके और पैसा निवेश करके आप रिटायरमेंट के बाद टैक्स की चिंता किए बिना आराम से रह सकते हैं.